#सर्दियों में नहाने का सही तरीका
हम #नहाने (स्नान) के सही तरीके के बारे में चर्चा करेंगे, यूँ तो हमें मौसम और अपने वास करने वाले स्थान को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन बिना नागा अपने शरीर को स्वच्छ एवं स्वस्थ रखने के लिए नियमित स्नान करना चाहिए,क्योंकि कुछ स्थान जो मैदानी हैं, तो कुछ स्थान पहाड़ी है तो स्नान करते समय हमें जिन विशेष बातों का खास कर के सर्दियों में ध्यान रखना चाहिए उनमें सबसे पहले ये ध्यान रहे कि जो लोग मुँह अंधेरे या तड़के उठ कर गर्म शावर लेते हैं नहाते हैं, या जल्दी सुबह नहाने का मौका लगा हो तो सबसे पहले पानी अपने सिर या पीठ छाती पर ना डाल कर, बल्कि पहले अपने पैरों से शुरू करें धीरे - धीरे उसके ऊपर अपनी टांगों, जांघों से ऊपर अपने कंधों पीठ से होते हुए फिर अपनी गर्दन के पिछले हिस्से से होते हुए सिर पर डालें इस सारी प्रक्रिया से हमारे शरीर का तापमान एक समान रहेगा, यदि हम सीधा सिर पर या पीठ छाती पर पानी डालते हैं, तो कभी - कभी इसके गम्भीर परिणाम देखने को मिलते हैं, क्योंकि हमारी मस्तिष्क की महीन नाड़ीयां सिकुड़न की दशा में होती हैं, और गरम पानी डालते ही वो जल्दी से फैलने की स्थिति में आती हैं, जिसके लिए की वो अभी तैयार नहीं हुई और खून का बहाव अचानक बढ़ जाने से किसी नस या नाड़ी के फटने की आशंका बढ़ जाती है, जिससे कि कभी - कभी ब्रेन brain hemorrhage के कारण आंतरिक रक्त बहाव के कारण पक्षाघात या हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है, इसके हजारों उदाहरण मेडिकल साइंस और डॉक्टर्स की फाइलों में भरे पड़े हैं।
कोशिश करें कि नहाने से पहले यदि मौसम के अनुसार हल्का गरम पानी पी लें तो हमारे शरीर के भीतर का तापमान नॉर्मल हो जाता है और हमारा रक्त का प्रवाह भी ठीक रहता है।
कुछ लोग जब भी गर्मियों में बाहर से आते हैं, और आते ही सीधा बाथरूम में ठंडे पानी से स्नान करना पसंद करते हैं, उसका भी बिल्कुल उसी प्रकार से बुरा प्रभाव पड़ने का खतरा होता है,नहाने से पहले कुछ देर आराम करके अपने शरीर के तापमान को घर के अंदर के तापमान से मैच होने दें। इस गर्मी के मौसम में भी हमें वो ही तरीका अपनाना चाहिए जोकि सर्दियों के लिए बतलाया गया है, वैसे पानी हमेशा ही नार्मल तापमान का होना चाहिए न ज्यादा गर्म न ठंडा जैसा हमारे शरीर के भीतर का तापमान होता है।
सर्दियों में गीजर में पानी गर्म होने के indicator के बाद उसका स्विच ऑफ करके ही शावर इत्यादि लें ।
क्योंकि बचाव में ही हम सभी का भला है।
"PREVENTION IS BETTER THAN CURE"
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